महाभारतम् — 4.2.21
Original
Segmented
अर्जुन उवाच प्रतिज्ञाम् षण्ढको अस्मि इति करिष्यामि महीपते ज्या-घातौ हि महान्तौ मे संवर्तुम् नृप दुष्करौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रतिज्ञाम् | प्रतिज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
षण्ढको | षण्ढक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
करिष्यामि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
महीपते | महीपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ज्या | ज्या | pos=n,comp=y |
घातौ | घात | pos=n,g=m,c=1,n=d |
हि | हि | pos=i |
महान्तौ | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=d |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
संवर्तुम् | संवृ | pos=vi |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दुष्करौ | दुष्कर | pos=a,g=m,c=1,n=d |