महाभारतम् — 4.18.2
Original
Segmented
शार्दूलैः महिषैः सिंहैः आगारे युध्यसे यदा कैकेय्याः प्रेक्ः तदा मे कश्मलो भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शार्दूलैः | शार्दूल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
महिषैः | महिष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सिंहैः | सिंह | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आगारे | आगार | pos=n,g=n,c=7,n=s |
युध्यसे | युध् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
यदा | यदा | pos=i |
कैकेय्याः | कैकेयी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
प्रेक्ः | प्रेक्ष् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कश्मलो | कश्मल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |