महाभारतम् — 4.15.34
Original
Segmented
अकाल-ज्ञा असि सैरन्ध्रि शैलूषी इव विधावसि विघ्नम् करोषि मत्स्यानाम् दीव्यताम् राज-संसद् गच्छ सैरन्ध्रि गन्धर्वाः करिष्यन्ति तव प्रियम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अकाल | अकाल | pos=n,comp=y |
ज्ञा | ज्ञ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
सैरन्ध्रि | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=8,n=s |
शैलूषी | शैलूषी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
विधावसि | विधाव् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
विघ्नम् | विघ्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
करोषि | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मत्स्यानाम् | मत्स्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दीव्यताम् | दीव् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
संसद् | संसद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
सैरन्ध्रि | सैरन्ध्री | pos=n,g=f,c=8,n=s |
गन्धर्वाः | गन्धर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
करिष्यन्ति | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=n,g=n,c=2,n=s |