महाभारतम् — 4.15.32
Original
Segmented
भर्तारम् अनुरुध्यन्त्यः क्लिश्यन्ते वीर-पत्नयः शुश्रूषया क्लिश्यमानाः पति-लोकम् जयन्ति उत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भर्तारम् | भर्तृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनुरुध्यन्त्यः | अनुरुध् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
क्लिश्यन्ते | क्लिश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
पत्नयः | पत्नी | pos=n,g=,c=1,n=p |
शुश्रूषया | शुश्रूषा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
क्लिश्यमानाः | क्लिश् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
पति | पति | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जयन्ति | जि | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
उत | उत | pos=i |