महाभारतम् — 4.11.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच अथ अपरः ऽदृश्यत पाण्डवः प्रभुः विराट-राज्ञः तुरगान् तम् आपतन्तम् ददृशे पृथग्जनो विमुक्तम् अभ्राद् इव सूर्य-मण्डलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अथ | अथ | pos=i |
अपरः | अपर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽदृश्यत | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पाण्डवः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विराट | विराट | pos=n,comp=y |
राज्ञः | राजन् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तुरगान् | तुरग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आपतन्तम् | आपत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
ददृशे | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पृथग्जनो | पृथग्जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विमुक्तम् | विमुच् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
अभ्राद् | अभ्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
इव | इव | pos=i |
सूर्य | सूर्य | pos=n,comp=y |
मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=n,c=2,n=s |