Original

वैशंपायन उवाच ।अथापरोऽदृश्यत रूपसंपदा स्त्रीणामलंकारधरो बृहत्पुमान् ।प्राकारवप्रे प्रतिमुच्य कुण्डले दीर्घे च कम्बू परिहाटके शुभे ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच अथ अपरः ऽदृश्यत रूप-संपदा स्त्रीणाम् अलंकार-धरः बृहत्-पुमान् प्राकार-वप्रे प्रतिमुच्य कुण्डले दीर्घे च कम्बू परिहाटके शुभे

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अथ अथ pos=i
अपरः अपर pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽदृश्यत दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
रूप रूप pos=n,comp=y
संपदा सम्पद् pos=n,g=f,c=3,n=s
स्त्रीणाम् स्त्री pos=n,g=f,c=6,n=p
अलंकार अलंकार pos=n,comp=y
धरः धर pos=a,g=m,c=1,n=s
बृहत् बृहत् pos=a,comp=y
पुमान् पुंस् pos=n,g=m,c=1,n=s
प्राकार प्राकार pos=n,comp=y
वप्रे वप्र pos=n,g=m,c=7,n=s
प्रतिमुच्य प्रतिमुच् pos=vi
कुण्डले कुण्डल pos=n,g=n,c=2,n=d
दीर्घे दीर्घ pos=a,g=n,c=2,n=d
pos=i
कम्बू कम्बु pos=n,g=m,c=2,n=d
परिहाटके परिहाटक pos=n,g=n,c=2,n=d
शुभे शुभ pos=a,g=n,c=2,n=d