महाभारतम् — 3.99.17
Original
Segmented
ते वध्यमानास् त्रिदशैस् तदानीम् समुद्रम् एव आविविशुः भय-आर्ताः प्रविश्य च एव उदधिम् अप्रमेयम् झष-आकुलम् रत्न-समाकुलम् च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वध्यमानास् | वध् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
त्रिदशैस् | त्रिदश | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तदानीम् | तदानीम् | pos=i |
समुद्रम् | समुद्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
आविविशुः | आविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
भय | भय | pos=n,comp=y |
आर्ताः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=p |
प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
उदधिम् | उदधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अप्रमेयम् | अप्रमेय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
झष | झष | pos=n,comp=y |
आकुलम् | आकुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
समाकुलम् | समाकुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |