Original

मनो ह्यदुष्टं शूराणां पर्याप्तं वै नराधिप ।मैत्रीं बुद्धिं समास्थाय शुद्धास्तीर्थानि गच्छत ॥ २१ ॥

Segmented

मनो हि अदुष्टम् शूराणाम् पर्याप्तम् वै नर-अधिपैः मैत्रीम् बुद्धिम् समास्थाय शुद्धास् तीर्थानि गच्छत

Analysis

Word Lemma Parse
मनो मनस् pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
अदुष्टम् अदुष्ट pos=a,g=n,c=1,n=s
शूराणाम् शूर pos=n,g=m,c=6,n=p
पर्याप्तम् पर्याप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
वै वै pos=i
नर नर pos=n,comp=y
अधिपैः अधिप pos=n,g=m,c=8,n=s
मैत्रीम् मैत्र pos=a,g=f,c=2,n=s
बुद्धिम् बुद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
समास्थाय समास्था pos=vi
शुद्धास् शुद्ध pos=a,g=m,c=1,n=p
तीर्थानि तीर्थ pos=n,g=n,c=2,n=p
गच्छत गम् pos=v,p=2,n=p,l=lot