महाभारतम् — 3.85.12
Original
Segmented
विश्वामित्रस्य ताम् दृष्ट्वा विभूतिम् अति मानुषीम् कन्यकुब्जे ऽपिबत् सोमम् इन्द्रेण सह कौशिकः ततः क्षत्राद् अपाक्रामद् ब्राह्मणो अस्मि इति च अब्रवीत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विश्वामित्रस्य | विश्वामित्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
विभूतिम् | विभूति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अति | अति | pos=i |
मानुषीम् | मानुष | pos=a,g=f,c=2,n=s |
कन्यकुब्जे | कन्यकुब्ज | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽपिबत् | पा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सोमम् | सोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इन्द्रेण | इन्द्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सह | सह | pos=i |
कौशिकः | कौशिक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
क्षत्राद् | क्षत्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अपाक्रामद् | अपक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
ब्राह्मणो | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |