Original

महाश्रमे वसेद्रात्रिं सर्वपापप्रमोचने ।एककालं निराहारो लोकानावसते शुभान् ॥ ४८ ॥

Segmented

महाश्रमे वसेद् रात्रिम् सर्व-पाप-प्रमोचने एक-कालम् निराहारो लोकान् आवसते शुभान्

Analysis

Word Lemma Parse
महाश्रमे महाश्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
वसेद् वस् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
रात्रिम् रात्रि pos=n,g=f,c=2,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
पाप पाप pos=n,comp=y
प्रमोचने प्रमोचन pos=a,g=m,c=7,n=s
एक एक pos=n,comp=y
कालम् काल pos=n,g=m,c=2,n=s
निराहारो निराहार pos=a,g=m,c=1,n=s
लोकान् लोक pos=n,g=m,c=2,n=p
आवसते आवस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
शुभान् शुभ pos=a,g=m,c=2,n=p