महाभारतम् — 3.82.22
Original
Segmented
प्रदक्षिणम् उपावृत्य गच्छेत भरत-ऋषभ धाराम् नाम महा-प्राज्ञैः सर्व-पाप-प्रणाशिन् तत्र स्नात्वा नर-व्याघ्र न शोचति नर-अधिपैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रदक्षिणम् | प्रदक्षिण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
उपावृत्य | उपावृत् | pos=vi |
गच्छेत | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
धाराम् | धारा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
नाम | नाम | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
प्रणाशिन् | प्रणाशिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
नर | नर | pos=n,comp=y |
व्याघ्र | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
शोचति | शुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
नर | नर | pos=n,comp=y |
अधिपैः | अधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |