Original

देव्यास्तु दक्षिणार्धेन रथावर्तो नराधिप ।तत्रारोहेत धर्मज्ञ श्रद्दधानो जितेन्द्रियः ।महादेवप्रसादाद्धि गच्छेत परमां गतिम् ॥ २१ ॥

Segmented

देव्यास् तु दक्षिण-अर्धेन रथावर्तो नर-अधिपैः तत्र आरोहेत धर्म-ज्ञ श्रद्दधानो जित-इन्द्रियः महादेव-प्रसादात् हि गच्छेत परमाम् गतिम्

Analysis

Word Lemma Parse
देव्यास् देवी pos=n,g=f,c=6,n=s
तु तु pos=i
दक्षिण दक्षिण pos=a,comp=y
अर्धेन अर्ध pos=n,g=n,c=3,n=s
रथावर्तो रथावर्त pos=n,g=m,c=1,n=s
नर नर pos=n,comp=y
अधिपैः अधिप pos=n,g=m,c=8,n=s
तत्र तत्र pos=i
आरोहेत आरुह् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
श्रद्दधानो श्रद्धा pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
जित जि pos=va,comp=y,f=part
इन्द्रियः इन्द्रिय pos=n,g=m,c=1,n=s
महादेव महादेव pos=n,comp=y
प्रसादात् प्रसाद pos=n,g=m,c=5,n=s
हि हि pos=i
गच्छेत गम् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
परमाम् परम pos=a,g=f,c=2,n=s
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s