Original

वरांश्च सुबहूँल्लेभे दैवतेषु सुदुर्लभान् ।उक्तश्च त्रिपुरघ्नेन परितुष्टेन भारत ॥ १७ ॥

Segmented

उक्तवान् च त्रिपुर-घ्ना परितुष्टेन भारत

Analysis

Word Lemma Parse
उक्तवान् वच् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
त्रिपुर त्रिपुर pos=n,comp=y
घ्ना घ्न pos=a,g=m,c=3,n=s
परितुष्टेन परितुष् pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part
भारत भारत pos=a,g=m,c=8,n=s