Original

श्रीकुञ्जं च सरस्वत्यां तीर्थं भरतसत्तम ।तत्र स्नात्वा नरो राजन्नग्निष्टोमफलं लभेत् ॥ ९१ ॥

Segmented

श्रीकुञ्जम् च सरस्वत्याम् तीर्थम् भरत-सत्तम तत्र स्नात्वा नरो राजन्न् अग्निष्टोम-फलम् लभेत्

Analysis

Word Lemma Parse
श्रीकुञ्जम् श्रीकुञ्ज pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
सरस्वत्याम् सरस्वती pos=n,g=f,c=7,n=s
तीर्थम् तीर्थ pos=n,g=n,c=1,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
तत्र तत्र pos=i
स्नात्वा स्ना pos=vi
नरो नर pos=n,g=m,c=1,n=s
राजन्न् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
अग्निष्टोम अग्निष्टोम pos=n,comp=y
फलम् फल pos=n,g=n,c=2,n=s
लभेत् लभ् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin