Original

व्यासेन नृपशार्दूल द्विजार्थमिति नः श्रुतम् ।सर्वतीर्थेषु स स्नाति मिश्रके स्नाति यो नरः ॥ ७७ ॥

Segmented

व्यासेन नृप-शार्दूल द्विज-अर्थम् इति नः श्रुतम् सर्व-तीर्थेषु स स्नाति मिश्रके स्नाति यो नरः

Analysis

Word Lemma Parse
व्यासेन व्यास pos=n,g=m,c=3,n=s
नृप नृप pos=n,comp=y
शार्दूल शार्दूल pos=n,g=m,c=8,n=s
द्विज द्विज pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
इति इति pos=i
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
श्रुतम् श्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
सर्व सर्व pos=n,comp=y
तीर्थेषु तीर्थ pos=n,g=n,c=7,n=p
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
स्नाति स्ना pos=v,p=3,n=s,l=lat
मिश्रके मिश्रक pos=n,g=m,c=7,n=s
स्नाति स्ना pos=v,p=3,n=s,l=lat
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
नरः नर pos=n,g=m,c=1,n=s