Original

सरकस्य तु पूर्वेण नारदस्य महात्मनः ।तीर्थं कुरुवरश्रेष्ठ अनाजन्मेति विश्रुतम् ॥ ६७ ॥

Segmented

सरकस्य तु पूर्वेण नारदस्य महात्मनः तीर्थम् कुरु-वर-श्रेष्ठ अनाजन्मन् इति विश्रुतम्

Analysis

Word Lemma Parse
सरकस्य सरक pos=n,g=n,c=6,n=s
तु तु pos=i
पूर्वेण पूर्व pos=n,g=n,c=3,n=s
नारदस्य नारद pos=n,g=m,c=6,n=s
महात्मनः महात्मन् pos=a,g=m,c=6,n=s
तीर्थम् तीर्थ pos=n,g=n,c=1,n=s
कुरु कुरु pos=n,comp=y
वर वर pos=a,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
अनाजन्मन् अनाजन्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
इति इति pos=i
विश्रुतम् विश्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part