महाभारतम् — 3.81.46
Original
Segmented
ततो ऽम्बुवश्यम् धर्म-ज्ञ समासाद्य यथाक्रमम् कोश-ईश्वरस्य तीर्थेषु स्नात्वा भरत-सत्तम सर्व-व्याधि-विनिर्मुक्तः ब्रह्म-लोके महीयते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततो | ततस् | pos=i |
ऽम्बुवश्यम् | अम्बुवश्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
यथाक्रमम् | यथाक्रमम् | pos=i |
कोश | कोश | pos=n,comp=y |
ईश्वरस्य | ईश्वर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तीर्थेषु | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=p |
स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
सत्तम | सत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
व्याधि | व्याधि | pos=n,comp=y |
विनिर्मुक्तः | विनिर्मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
महीयते | महीय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |