महाभारतम् — 3.81.31
Original
Segmented
ह्रदेषु एतेषु यः स्नात्वा पितॄन् संतर्पयिष्यति पितरस् तस्य वै प्रीता दास्यन्ति भुवि दुर्लभम् ईप्सितम् मनसः कामम् स्वर्ग-लोकम् च शाश्वतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ह्रदेषु | ह्रद | pos=n,g=m,c=7,n=p |
एतेषु | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
पितॄन् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
संतर्पयिष्यति | संतर्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
पितरस् | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वै | वै | pos=i |
प्रीता | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
दास्यन्ति | दा | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
ईप्सितम् | ईप्सय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
मनसः | मनस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
कामम् | काम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
शाश्वतम् | शाश्वत | pos=a,g=m,c=2,n=s |