महाभारतम् — 3.81.2
Original
Segmented
कुरुक्षेत्रम् गमिष्यामि कुरुक्षेत्रे वसामि अहम् य एवम् सततम् ब्रूयात् सो ऽपि पापैः प्रमुच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुरुक्षेत्रम् | कुरुक्षेत्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
कुरुक्षेत्रे | कुरुक्षेत्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वसामि | वस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
य | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
सततम् | सततम् | pos=i |
ब्रूयात् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
पापैः | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=p |
प्रमुच्यते | प्रमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |