महाभारतम् — 3.81.164
Original
Segmented
यत्र सारस्वतो राजन् सो ऽङ्गिरास् तपसो निधिः तस्मिंस् तीर्थे नरः स्नात्वा वाजपेय-फलम् लभेत् सारस्वतीम् गतिम् च एव लभते न अत्र संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
सारस्वतो | सारस्वत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽङ्गिरास् | अङ्गिरस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तपसो | तपस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
निधिः | निधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्मिंस् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तीर्थे | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्नात्वा | स्ना | pos=vi |
वाजपेय | वाजपेय | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लभेत् | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सारस्वतीम् | सारस्वत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |