Original

प्रदक्षिणमुपावृत्य गच्छेत भरतर्षभ ।तीर्थं कुरुवरश्रेष्ठ त्रिषु लोकेषु विश्रुतम् ।दृमीति नाम्ना विख्यातं सर्वपापप्रमोचनम् ॥ ८८ ॥

Segmented

प्रदक्षिणम् उपावृत्य गच्छेत भरत-ऋषभ तीर्थम् कुरु-वर-श्रेष्ठ त्रिषु लोकेषु विश्रुतम् दृमी इति नाम्ना विख्यातम् सर्व-पाप-प्रमोचनम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्रदक्षिणम् प्रदक्षिण pos=a,g=m,c=2,n=s
उपावृत्य उपावृत् pos=vi
गच्छेत गम् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
तीर्थम् तीर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
कुरु कुरु pos=n,comp=y
वर वर pos=a,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
त्रिषु त्रि pos=n,g=m,c=7,n=p
लोकेषु लोक pos=n,g=m,c=7,n=p
विश्रुतम् विश्रु pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
दृमी दृमी pos=n,g=f,c=1,n=s
इति इति pos=i
नाम्ना नामन् pos=n,g=n,c=3,n=s
विख्यातम् विख्या pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
सर्व सर्व pos=n,comp=y
पाप पाप pos=n,comp=y
प्रमोचनम् प्रमोचन pos=a,g=n,c=2,n=s