महाभारतम् — 3.80.88
Original
Segmented
प्रदक्षिणम् उपावृत्य गच्छेत भरत-ऋषभ तीर्थम् कुरु-वर-श्रेष्ठ त्रिषु लोकेषु विश्रुतम् दृमी इति नाम्ना विख्यातम् सर्व-पाप-प्रमोचनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रदक्षिणम् | प्रदक्षिण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
उपावृत्य | उपावृत् | pos=vi |
गच्छेत | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तीर्थम् | तीर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
वर | वर | pos=a,comp=y |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विश्रुतम् | विश्रु | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
दृमी | दृमी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
नाम्ना | नामन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विख्यातम् | विख्या | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
प्रमोचनम् | प्रमोचन | pos=a,g=n,c=2,n=s |