महाभारतम् — 3.80.79
Original
Segmented
ततो गत्वा सरस्वत्याः सागरस्य च संगमे गो सहस्र-फलम् प्राप्य स्वर्ग-लोके महीयते दीप्यमानो अग्नि-वत् नित्यम् प्रभया भरत-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततो | ततस् | pos=i |
गत्वा | गम् | pos=vi |
सरस्वत्याः | सरस्वती | pos=n,g=f,c=6,n=s |
सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
संगमे | संगम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गो | गो | pos=i |
सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
महीयते | महीय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दीप्यमानो | दीप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
प्रभया | प्रभा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |