Original

पिङ्गातीर्थमुपस्पृश्य ब्रह्मचारी जितेन्द्रियः ।कपिलानां नरव्याघ्र शतस्य फलमश्नुते ॥ ७६ ॥

Segmented

पिङ्गा-तीर्थम् उपस्पृश्य ब्रह्मचारी जित-इन्द्रियः कपिलानाम् नर-व्याघ्र शतस्य फलम् अश्नुते

Analysis

Word Lemma Parse
पिङ्गा पिङ्गा pos=n,comp=y
तीर्थम् तीर्थ pos=n,g=n,c=2,n=s
उपस्पृश्य उपस्पृश् pos=vi
ब्रह्मचारी ब्रह्मचारिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
जित जि pos=va,comp=y,f=part
इन्द्रियः इन्द्रिय pos=n,g=m,c=1,n=s
कपिलानाम् कपिला pos=n,g=f,c=6,n=p
नर नर pos=n,comp=y
व्याघ्र व्याघ्र pos=n,g=m,c=8,n=s
शतस्य शत pos=n,g=n,c=6,n=s
फलम् फल pos=n,g=n,c=2,n=s
अश्नुते अश् pos=v,p=3,n=s,l=lat