महाभारतम् — 3.80.53
Original
Segmented
सायम् प्रातः स्मरेद् यस् तु पुष्कराणि कृताञ्जलिः उपस्पृष्टम् भवेत् तेन सर्व-तीर्थेषु भारत प्राप्नुयात् च नरो लोकान् ब्रह्मणः सदने ऽक्षयान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सायम् | साय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रातः | प्रातर् | pos=i |
स्मरेद् | स्मृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
पुष्कराणि | पुष्कर | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कृताञ्जलिः | कृताञ्जलि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उपस्पृष्टम् | उपस्पृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
तीर्थेषु | तीर्थ | pos=n,g=n,c=7,n=p |
भारत | भारत | pos=a,g=m,c=8,n=s |
प्राप्नुयात् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ब्रह्मणः | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सदने | सदन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽक्षयान् | अक्षय | pos=a,g=m,c=2,n=p |