Original

प्रतिगृह्य तु तां पूजां नारदो भगवानृषिः ।आश्वासयद्धर्मसुतं युक्तरूपमिवानघ ॥ ५ ॥

Segmented

प्रतिगृह्य तु ताम् पूजाम् नारदो भगवान् ऋषिः आश्वासयद् धर्मसुतम् युक्त-रूपम् इव अनघ

Analysis

Word Lemma Parse
प्रतिगृह्य प्रतिग्रह् pos=vi
तु तु pos=i
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
पूजाम् पूजा pos=n,g=f,c=2,n=s
नारदो नारद pos=n,g=m,c=1,n=s
भगवान् भगवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
ऋषिः ऋषि pos=n,g=m,c=1,n=s
आश्वासयद् आश्वासय् pos=v,p=3,n=s,l=lan
धर्मसुतम् धर्मसुत pos=n,g=m,c=2,n=s
युक्त युज् pos=va,comp=y,f=part
रूपम् रूप pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
अनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s