महाभारतम् — 3.80.44
Original
Segmented
यत्र देवास् तपस् तप्त्वा दैत्या ब्रह्मर्षयस् तथा दिव्य-योगाः महा-राज पुण्येन महता अन्विताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
देवास् | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तपस् | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तप्त्वा | तप् | pos=vi |
दैत्या | दैत्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ब्रह्मर्षयस् | ब्रह्मर्षि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
दिव्य | दिव्य | pos=a,comp=y |
योगाः | योग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पुण्येन | पुण्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
महता | महत् | pos=a,g=n,c=3,n=s |
अन्विताः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=p |