Original

सरस्वत्यां महाराज अनु संवत्सरं हि ते ।स्नायन्ते भरतश्रेष्ठ वृत्तां वै कार्त्तिकीं सदा ॥ १२१ ॥

Segmented

सरस्वत्याम् महा-राज अनु संवत्सरम् हि ते स्नायन्ते भरत-श्रेष्ठ वृत्ताम् वै कार्त्तिकीम् सदा

Analysis

Word Lemma Parse
सरस्वत्याम् सरस्वती pos=n,g=f,c=7,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
अनु अनु pos=i
संवत्सरम् संवत्सर pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
ते तद् pos=n,g=m,c=1,n=p
स्नायन्ते स्ना pos=v,p=3,n=p,l=lat
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
वृत्ताम् वृत् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
वै वै pos=i
कार्त्तिकीम् कार्त्तिकी pos=n,g=f,c=2,n=s
सदा सदा pos=i