महाभारतम् — 3.8.14
Original
Segmented
उपलभ्य ततः कर्णो विवृत्य नयने शुभे रोषाद् दुःशासनम् च एव सौबलेयम् च तौ उभौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उपलभ्य | उपलभ् | pos=vi |
ततः | ततस् | pos=i |
कर्णो | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विवृत्य | विवृ | pos=vi |
नयने | नयन | pos=n,g=n,c=2,n=d |
शुभे | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=d |
रोषाद् | रोष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
दुःशासनम् | दुःशासन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सौबलेयम् | सौबलेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
उभौ | उभ् | pos=n,g=m,c=2,n=d |