महाभारतम् — 3.8.11
Original
Segmented
दुःशासन उवाच एवम् एतन् महा-प्राज्ञैः यथा वदसि मातुल नित्यम् हि मे कथयतस् तव बुद्धिः हि रोचते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दुःशासन | दुःशासन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
एतन् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
वदसि | वद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मातुल | मातुल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कथयतस् | कथय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
रोचते | रुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |