Original

तस्य जिष्णोर्बृसीं दृष्ट्वा शून्यामुपनिवेशने ।हृदयं मे महाराज न शाम्यति कदाचन ॥ २८ ॥

Segmented

तस्य जिष्णोः बृसीम् दृष्ट्वा शून्याम् उप निवेशने हृदयम् मे महा-राज न शाम्यति कदाचन

Analysis

Word Lemma Parse
तस्य तद् pos=n,g=m,c=6,n=s
जिष्णोः जिष्णु pos=a,g=m,c=6,n=s
बृसीम् बृसी pos=n,g=f,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
शून्याम् शून्य pos=a,g=f,c=2,n=s
उप उप pos=i
निवेशने निवेशन pos=n,g=n,c=7,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
शाम्यति शम् pos=v,p=3,n=s,l=lat
कदाचन कदाचन pos=i