Original

योऽर्जुनेनार्जुनस्तुल्यो द्विबाहुर्बहुबाहुना ।तमृते पाण्डवश्रेष्ठं वनं न प्रतिभाति मे ।शून्यामिव च पश्यामि तत्र तत्र महीमिमाम् ॥ १२ ॥

Segmented

यो अर्जुनेन अर्जुनः तुल्यो द्वि-बाहुः बहु-बाहुना तम् ऋते पाण्डव-श्रेष्ठम् वनम् न प्रतिभाति मे शून्याम् इव च पश्यामि तत्र तत्र महीम् इमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
अर्जुनेन अर्जुन pos=n,g=m,c=3,n=s
अर्जुनः अर्जुन pos=n,g=m,c=1,n=s
तुल्यो तुल्य pos=a,g=m,c=1,n=s
द्वि द्वि pos=n,comp=y
बाहुः बाहु pos=n,g=m,c=1,n=s
बहु बहु pos=a,comp=y
बाहुना बाहु pos=n,g=m,c=3,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
ऋते ऋते pos=i
पाण्डव पाण्डव pos=n,comp=y
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=2,n=s
वनम् वन pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
प्रतिभाति प्रतिभा pos=v,p=3,n=s,l=lat
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
शून्याम् शून्य pos=a,g=f,c=2,n=s
इव इव pos=i
pos=i
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
तत्र तत्र pos=i
तत्र तत्र pos=i
महीम् मही pos=n,g=f,c=2,n=s
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s