महाभारतम् — 3.79.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच भगवन् काम्यकात् पार्थे गते मे प्रपितामहे पाण्डवाः किम् अकुर्वन्त तम् ऋते सव्यसाचिनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
काम्यकात् | काम्यक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
पार्थे | पार्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गते | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रपितामहे | प्रपितामह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अकुर्वन्त | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ऋते | ऋते | pos=i |
सव्यसाचिनम् | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |