महाभारतम् — 3.77.14
Original
Segmented
नित्यशो हि स्मरामि त्वाम् प्रतीक्षामि च नैषध देवने च मम प्रीतिः न भवति असुहृद्-गणैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नित्यशो | नित्यशस् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
स्मरामि | स्मृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्रतीक्षामि | प्रतीक्ष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
नैषध | नैषध | pos=n,g=m,c=8,n=s |
देवने | देवन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
असुहृद् | असुहृद् | pos=a,comp=y |
गणैः | गण | pos=n,g=m,c=3,n=p |