महाभारतम् — 3.76.10
Original
Segmented
स सत्कृतो महीपालो नैषधम् विस्मय-अन्वितः दिष्ट्या समेतो दारैः स्वैः भवान् इति अभ्यनन्दत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सत्कृतो | सत्कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महीपालो | महीपाल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नैषधम् | नैषध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विस्मय | विस्मय | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
समेतो | समे | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दारैः | दार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स्वैः | स्व | pos=a,g=m,c=3,n=p |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
अभ्यनन्दत | अभिनन्द् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |