Original

स कुरुष्व महेष्वास दयां मयि नरर्षभ ।आनृशंस्यं परो धर्मस्त्वत्त एव हि मे श्रुतम् ॥ १५ ॥

Segmented

स कुरुष्व महा-इष्वास दयाम् मयि नर-ऋषभ आनृशंस्यम् परो धर्मस् त्वत्त एव हि मे श्रुतम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
कुरुष्व कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
महा महत् pos=a,comp=y
इष्वास इष्वास pos=n,g=m,c=8,n=s
दयाम् दया pos=n,g=f,c=2,n=s
मयि मद् pos=n,g=,c=7,n=s
नर नर pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
आनृशंस्यम् आनृशंस्य pos=n,g=n,c=1,n=s
परो पर pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्मस् धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वत्त त्वद् pos=n,g=m,c=5,n=s
एव एव pos=i
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
श्रुतम् श्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part