Original

उदर्कस्तव कल्याणि कल्याणो भविता शुभे ।वयं पश्याम तपसा क्षिप्रं द्रक्ष्यसि नैषधम् ॥ ८७ ॥

Segmented

उदर्कस् तव कल्याणि कल्याणो भविता शुभे वयम् पश्याम तपसा क्षिप्रम् द्रक्ष्यसि नैषधम्

Analysis

Word Lemma Parse
उदर्कस् उदर्क pos=n,g=m,c=1,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
कल्याणो कल्याण pos=a,g=m,c=1,n=s
भविता भू pos=v,p=3,n=s,l=lrt
शुभे शुभ pos=a,g=f,c=8,n=s
वयम् मद् pos=n,g=,c=1,n=p
पश्याम पश् pos=v,p=1,n=p,l=lot
तपसा तपस् pos=n,g=n,c=3,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
द्रक्ष्यसि दृश् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
नैषधम् नैषध pos=n,g=m,c=2,n=s