महाभारतम् — 3.61.38
Original
Segmented
किंशुक-अशोक-बकुल-पुंनागैः उपशोभितम् सरिद्भिः स विहंगाभिः शिखरैः च उपशोभितम् गिरि-राजम् इमम् तावत् पृच्छामि नृपतिम् प्रति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किंशुक | किंशुक | pos=n,comp=y |
अशोक | अशोक | pos=n,comp=y |
बकुल | बकुल | pos=n,comp=y |
पुंनागैः | पुंनाग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
उपशोभितम् | उपशोभय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
सरिद्भिः | सरित् | pos=n,g=,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
विहंगाभिः | विहंग | pos=n,g=f,c=3,n=p |
शिखरैः | शिखर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
उपशोभितम् | उपशोभय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
राजम् | राज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तावत् | तावत् | pos=i |
पृच्छामि | प्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
नृपतिम् | नृपति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |