महाभारतम् — 3.6.12
Original
Segmented
विदुर उवाच अवोचत् माम् धृतराष्ट्रो ऽनुगुप्तम् अजात-शत्रो परिगृह्य अभिपूज्य एवम् गते समताम् अभ्युपेत्य पथ्यम् तेषाम् मम च एव ब्रवीहि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विदुर | विदुर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अवोचत् | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
धृतराष्ट्रो | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽनुगुप्तम् | अनुगुप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अजात | अजात | pos=a,comp=y |
शत्रो | शत्रु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
परिगृह्य | परिग्रह् | pos=vi |
अभिपूज्य | अभिपूजय् | pos=vi |
एवम् | एवम् | pos=i |
गते | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
समताम् | समता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अभ्युपेत्य | अभ्युपे | pos=vi |
पथ्यम् | पथ्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
ब्रवीहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |