महाभारतम् — 3.59.3
Original
Segmented
बृहदश्व उवाच इति ब्रुवन् नलो राजा दमयन्तीम् पुनः पुनः सान्त्वयामास कल्याणीम् वाससो ऽर्धेन संवृताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बृहदश्व | बृहदश्व | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इति | इति | pos=i |
ब्रुवन् | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नलो | नल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दमयन्तीम् | दमयन्ती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
सान्त्वयामास | सान्त्वय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कल्याणीम् | कल्याण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
वाससो | वासस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
ऽर्धेन | अर्ध | pos=n,g=n,c=3,n=s |
संवृताम् | संवृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |