Original

बृहदश्व उवाच ।इति ब्रुवन्नलो राजा दमयन्तीं पुनः पुनः ।सान्त्वयामास कल्याणीं वाससोऽर्धेन संवृताम् ॥ ३ ॥

Segmented

बृहदश्व उवाच इति ब्रुवन् नलो राजा दमयन्तीम् पुनः पुनः सान्त्वयामास कल्याणीम् वाससो ऽर्धेन संवृताम्

Analysis

Word Lemma Parse
बृहदश्व बृहदश्व pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
इति इति pos=i
ब्रुवन् ब्रू pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
नलो नल pos=n,g=m,c=1,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
दमयन्तीम् दमयन्ती pos=n,g=f,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
सान्त्वयामास सान्त्वय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
कल्याणीम् कल्याण pos=a,g=f,c=2,n=s
वाससो वासस् pos=n,g=n,c=6,n=s
ऽर्धेन अर्ध pos=n,g=n,c=3,n=s
संवृताम् संवृ pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part