महाभारतम् — 3.53.7
Original
Segmented
विप्रियम् हि आचरन् मर्त्यो देवानाम् मृत्युम् ऋच्छति त्राहि माम् अनवद्य-अङ्गे वरयस्व सुर-उत्तमान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विप्रियम् | विप्रिय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
आचरन् | आचर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मर्त्यो | मर्त्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
देवानाम् | देव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
मृत्युम् | मृत्यु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ऋच्छति | ऋछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
त्राहि | त्रा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अनवद्य | अनवद्य | pos=a,comp=y |
अङ्गे | अङ्ग | pos=a,g=f,c=8,n=s |
वरयस्व | वरय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
उत्तमान् | उत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=p |