Original

विप्रियं ह्याचरन्मर्त्यो देवानां मृत्युमृच्छति ।त्राहि मामनवद्याङ्गि वरयस्व सुरोत्तमान् ॥ ७ ॥

Segmented

विप्रियम् हि आचरन् मर्त्यो देवानाम् मृत्युम् ऋच्छति त्राहि माम् अनवद्य-अङ्गे वरयस्व सुर-उत्तमान्

Analysis

Word Lemma Parse
विप्रियम् विप्रिय pos=n,g=n,c=2,n=s
हि हि pos=i
आचरन् आचर् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मर्त्यो मर्त्य pos=n,g=m,c=1,n=s
देवानाम् देव pos=n,g=m,c=6,n=p
मृत्युम् मृत्यु pos=n,g=m,c=2,n=s
ऋच्छति ऋछ् pos=v,p=3,n=s,l=lat
त्राहि त्रा pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
अनवद्य अनवद्य pos=a,comp=y
अङ्गे अङ्ग pos=a,g=f,c=8,n=s
वरयस्व वरय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
सुर सुर pos=n,comp=y
उत्तमान् उत्तम pos=a,g=m,c=2,n=p