Original

पाञ्चालीं चाहुरक्लिष्टां वासुदेवस्य शृण्वतः ।दुर्योधनस्तव क्रोधाद्देवि त्यक्ष्यति जीवितम् ।प्रतिजानीम ते सत्यं मा शुचो वरवर्णिनि ॥ ३१ ॥

Segmented

पाञ्चालीम् च आहुः अक्लिष्टाम् वासुदेवस्य शृण्वतः दुर्योधनस् तव क्रोधाद् देवि त्यक्ष्यति जीवितम् प्रतिजानीम ते सत्यम् मा शुचो वरवर्णिनि

Analysis

Word Lemma Parse
पाञ्चालीम् पाञ्चाली pos=n,g=f,c=2,n=s
pos=i
आहुः अह् pos=v,p=3,n=p,l=lit
अक्लिष्टाम् अक्लिष्ट pos=a,g=f,c=2,n=s
वासुदेवस्य वासुदेव pos=n,g=m,c=6,n=s
शृण्वतः श्रु pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part
दुर्योधनस् दुर्योधन pos=n,g=m,c=1,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
क्रोधाद् क्रोध pos=n,g=m,c=5,n=s
देवि देवी pos=n,g=f,c=8,n=s
त्यक्ष्यति त्यज् pos=v,p=3,n=s,l=lrt
जीवितम् जीवित pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रतिजानीम प्रतिज्ञा pos=v,p=1,n=p,l=lot
ते तद् pos=n,g=m,c=1,n=p
सत्यम् सत्य pos=n,g=n,c=2,n=s
मा मा pos=i
शुचो शुच् pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug
वरवर्णिनि वरवर्णिनी pos=n,g=f,c=8,n=s