महाभारतम् — 3.44.23
Original
Segmented
ततः प्रेम्णा वृत्रशत्रुः अर्जुनस्य शुभम् मुखम् पस्पर्श पुण्य-गन्धेन करेण परिसान्त्वयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
प्रेम्णा | प्रेमन् | pos=n,g=,c=3,n=s |
वृत्रशत्रुः | वृत्रशत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्जुनस्य | अर्जुन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शुभम् | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मुखम् | मुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पस्पर्श | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
गन्धेन | गन्ध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
करेण | कर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
परिसान्त्वयन् | परिसान्त्वय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |