महाभारतम् — 3.43.34
Original
Segmented
लोकान् आत्म-प्रभा पश्यन् फल्गुनो विस्मय-अन्वितः पप्रच्छ मातलिम् प्रीत्या स च अपि एनम् उवाच ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
प्रभा | प्रभा | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पश्यन् | पश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
फल्गुनो | फल्गुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विस्मय | विस्मय | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पप्रच्छ | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मातलिम् | मातलि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |