महाभारतम् — 3.41.7
Original
Segmented
अर्जुन उवाच भगवन् ददासि चेन् मह्यम् कामम् प्रीत्या वृषध्वज कामये दिव्यम् अस्त्रम् तद् घोरम् पाशुपतम् प्रभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भगवन् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ददासि | दा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
चेन् | चेद् | pos=i |
मह्यम् | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
कामम् | काम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वृषध्वज | वृषध्वज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कामये | कामय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पाशुपतम् | पाशुपत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |