महाभारतम् — 3.41.17
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच तत् श्रुत्वा त्वरितः पार्थः शुचिः भूत्वा समाहितः उपसंगृह्य विश्वेशम् अधीष्व इति च सो ऽब्रवीत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
त्वरितः | त्वर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पार्थः | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शुचिः | शुचि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
समाहितः | समाहित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उपसंगृह्य | उपसंग्रह् | pos=vi |
विश्वेशम् | विश्वेश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अधीष्व | अधी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
च | च | pos=i |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |