महाभारतम् — 3.38.30
Original
Segmented
इन्द्रकीलम् समासाद्य ततो ऽतिष्ठद् धनंजयः अन्तरिक्षे हि शुश्राव तिष्ठ इति स वचस् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इन्द्रकीलम् | इन्द्रकील | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽतिष्ठद् | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
धनंजयः | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
हि | हि | pos=i |
शुश्राव | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तिष्ठ | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वचस् | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |