Original

एवमुक्त्वा प्रपन्नाय शुचये भगवान्प्रभुः ।प्रोवाच योगतत्त्वज्ञो योगविद्यामनुत्तमाम् ॥ ३४ ॥

Segmented

एवम् उक्त्वा प्रपन्नाय शुचये भगवान् प्रभुः प्रोवाच योग-तत्त्व-ज्ञः योग-विद्याम् अनुत्तमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
उक्त्वा वच् pos=vi
प्रपन्नाय प्रपद् pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part
शुचये शुचि pos=a,g=m,c=4,n=s
भगवान् भगवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रभुः प्रभु pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रोवाच प्रवच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
योग योग pos=n,comp=y
तत्त्व तत्त्व pos=n,comp=y
ज्ञः ज्ञ pos=a,g=m,c=1,n=s
योग योग pos=n,comp=y
विद्याम् विद्या pos=n,g=f,c=2,n=s
अनुत्तमाम् अनुत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s