Original

स क्षात्रं हृदयं कृत्वा त्यक्त्वेदं शिथिलं मनः ।वीर्यमास्थाय कौन्तेय धुरमुद्वह धुर्यवत् ॥ ५५ ॥

Segmented

स क्षात्रम् हृदयम् कृत्वा त्यक्त्वा इदम् शिथिलम् मनः वीर्यम् आस्थाय कौन्तेय धुरम् उद्वह धुर्य-वत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
क्षात्रम् क्षात्र pos=a,g=n,c=2,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
त्यक्त्वा त्यज् pos=vi
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
शिथिलम् शिथिल pos=a,g=n,c=2,n=s
मनः मनस् pos=n,g=n,c=2,n=s
वीर्यम् वीर्य pos=n,g=n,c=2,n=s
आस्थाय आस्था pos=vi
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
धुरम् धुर pos=n,g=m,c=2,n=s
उद्वह उद्वह् pos=v,p=2,n=s,l=lot
धुर्य धुर्य pos=n,comp=y
वत् वत् pos=i