Original

यस्य धर्मो हि धर्मार्थं क्लेशभाङ्न स पण्डितः ।न स धर्मस्य वेदार्थं सूर्यस्यान्धः प्रभामिव ॥ २३ ॥

Segmented

यस्य धर्मो हि धर्म-अर्थम् क्लेश-भाज् न स पण्डितः न स धर्मस्य वेद अर्थम् सूर्यस्य अन्धः प्रभाम् इव

Analysis

Word Lemma Parse
यस्य यद् pos=n,g=m,c=6,n=s
धर्मो धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
क्लेश क्लेश pos=n,comp=y
भाज् भाज् pos=a,g=m,c=1,n=s
pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
पण्डितः पण्डित pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्मस्य धर्म pos=n,g=m,c=6,n=s
वेद विद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
सूर्यस्य सूर्य pos=n,g=m,c=6,n=s
अन्धः अन्ध pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रभाम् प्रभा pos=n,g=f,c=2,n=s
इव इव pos=i