महाभारतम् — 3.299.2
Original
Segmented
ये तद्-भक्ताः वसन्ति स्म वन-वासे तपस्विनः तान् अब्रुवन् महात्मानः शिष्टाः प्राञ्जलयस् तदा अभ्यनुज्ञापयिष्यन्तस् तम् निवासम् धृत-व्रताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
भक्ताः | भक्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वसन्ति | वस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
स्म | स्म | pos=i |
वन | वन | pos=n,comp=y |
वासे | वास | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तपस्विनः | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अब्रुवन् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
महात्मानः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
शिष्टाः | शास् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
प्राञ्जलयस् | प्राञ्जलि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
अभ्यनुज्ञापयिष्यन्तस् | अभ्यनुज्ञापय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निवासम् | निवास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धृत | धृ | pos=va,comp=y,f=part |
व्रताः | व्रत | pos=n,g=m,c=1,n=p |